Wednesday, July 22, 2009

सत्‍यमेव जयते मे अश्‍लीलता की छवि

स्‍टार टीवी पर हाल ही में प्रसारित किए जा रहे रिएलिटी शो सच का सामना नेताओं के लिए मुसीबत बनी हुई है उन्‍हे लगने लगा है कि जनता कही उन्‍हे ही इस सच पकडने वाली मशीन पर बिठाने का तो मन नही बना रही है पिछले साठ सालों की राजनीति में सरकार और राजनेता जिस सच और न्‍याय के लिए वोट मागते आए है , वही उन्‍हे सच वाले कार्यक्रम पर आपत्ति होने लगी है इस बार का बहाना है रियालिटी शो मे सच के नाम पर अश्‍लीलता परोसे जाने का आरोप,

कभी सोचा ही नही जा सकता कि सच्‍चई लोगो को खासकर राजनेताओं को चुभने लगी है भारत देश मे जहां बहुत से देवी देवताओं के मंदिरो् में कामसुत्र और ना जाने कैसे कैसे आसन जिसका जिक्र ना तो पुस्‍तको मे है और ना ही वेदो में कुछ आसन जरूर समझ में आते है लेकिन इन आसनो का उदेश्‍य और हिन्‍दु रितीरिवाजो के इस मंदिर में अश्‍लीलत क्‍यो फैला रहे है कौन है इस धर्म के ठेकेदार और क्‍यू हिन्‍दू धर्म को अश्‍लीलता के दायरे में खडा कर रहे है

ये सवाल उन राजनेताओं के लिए है जो सांसद में फालतू के प्रश्‍नों को उठाते है जबकि छ;ग; मे नक्‍सलवाद समस्‍या सहित पूरे देश में मंहगाई इस कदर बड चुकी है कि लोग अपने लिए भोजन की व्‍यवस्‍था नही कर पा रहे है और इन राजनेताओं को भारत की संस्‍क़ति और समाज के लिए क्‍या देखना चाहिए और क्‍या नही देखना चाहिए इसकी चिंताएं ज्‍यादा सताने लगी है जो सच जैसे कार्यक्रम को प्रसारित करने को लेकर सेंसरशिप लगाने की बात कह रहे है , सच कडवा होता है सुना और देखा भी था लेकिन सत्‍यमेव जयते कि शुरूआत संसद के हंगामे और अश्‍लीलता के उदाहरणों के साथ हो रही है

2 comments:

शरद कोकास said...

हमारे नेता सच के मामले मे गोयबल्स को मानते है जो कहता था कि झूठ को सौ बार बोलो तो सच हो जाता है

निर्मला कपिला said...

शरद जी सही कह रहे हैं वैसे अगर सभी नेताऔ को इस कुरसी पर बिठा दिया जाये तो तो भी आप इन से सच नहीं उगल्वा सकेंगे वैसे हो सकता है इस मे भाग लेने वले लोगों के सम्बन्ध भी किन्हीं नेताओं से हों तभी इन्हें डर सता रहा हो बडिया आलेख आभार्