गढ् में बांस के सहारे डांस करना एक कला है जो काफी सावधानी से किया जाता है, छत्तीसगढ् मे पोला त्यौहार के समय हर गांव अंचल मे गेडी नाच आसानी से देखने को मिलती हैा बांस के लम्बे डंडे में ,एक हिस्सा अलग से जोड्ा जाता है उस हिस्से पर पैर रखा जाता है और फिर दौड् कर ,चलकर एक जगह से दूसरे जगह कलामक त्ढ्ग से आसानी से चलना ही इस डांस का मुखय पैमाना होता हैा प्राय दक्ष प्रतिभागी ही आसानी से गेडी डांस मे थिरकते है,गेडी डांस की शुरूआत पोला त्यौहार को माना गया है खेती बीज बोने के बाद किसान खुश होकर नाचने के लिए बांस का गेडी बनाते हैा आधूनिककिरण के दौड में भले ही गेडी डांस शहर से दूर हो चुकी है लेकिन ग्रामीण अंचलो में आज भी युवा और बच्चे गेडी डांस का लुत्फ उठाने नही चुकते है छत्तीसगढ् के प्रमुख त्यौहारों में पोला त्यौहार को स्थान मिल चुक हैा अब विशेष मौके की तलाश कर ग्रामीण झूम उठते हैा और धरती के उपर झूमना और मस्ती करना भला किसे अच्छा नही लगता
Monday, October 6, 2008
आज भी धरती के उपर होती है -गेडी डांस
अगर आपको छत्तीसगढ् में सडक की उंचाई से बांस के सहारे कोई व्यक्ति या बच्चा नाचते झूमे दिखे तों डरीए नहीं, छत्तीस
गढ् में बांस के सहारे डांस करना एक कला है जो काफी सावधानी से किया जाता है, छत्तीसगढ् मे पोला त्यौहार के समय हर गांव अंचल मे गेडी नाच आसानी से देखने को मिलती हैा बांस के लम्बे डंडे में ,एक हिस्सा अलग से जोड्ा जाता है उस हिस्से पर पैर रखा जाता है और फिर दौड् कर ,चलकर एक जगह से दूसरे जगह कलामक त्ढ्ग से आसानी से चलना ही इस डांस का मुखय पैमाना होता हैा प्राय दक्ष प्रतिभागी ही आसानी से गेडी डांस मे थिरकते है,गेडी डांस की शुरूआत पोला त्यौहार को माना गया है खेती बीज बोने के बाद किसान खुश होकर नाचने के लिए बांस का गेडी बनाते हैा आधूनिककिरण के दौड में भले ही गेडी डांस शहर से दूर हो चुकी है लेकिन ग्रामीण अंचलो में आज भी युवा और बच्चे गेडी डांस का लुत्फ उठाने नही चुकते है छत्तीसगढ् के प्रमुख त्यौहारों में पोला त्यौहार को स्थान मिल चुक हैा अब विशेष मौके की तलाश कर ग्रामीण झूम उठते हैा और धरती के उपर झूमना और मस्ती करना भला किसे अच्छा नही लगता
गढ् में बांस के सहारे डांस करना एक कला है जो काफी सावधानी से किया जाता है, छत्तीसगढ् मे पोला त्यौहार के समय हर गांव अंचल मे गेडी नाच आसानी से देखने को मिलती हैा बांस के लम्बे डंडे में ,एक हिस्सा अलग से जोड्ा जाता है उस हिस्से पर पैर रखा जाता है और फिर दौड् कर ,चलकर एक जगह से दूसरे जगह कलामक त्ढ्ग से आसानी से चलना ही इस डांस का मुखय पैमाना होता हैा प्राय दक्ष प्रतिभागी ही आसानी से गेडी डांस मे थिरकते है,गेडी डांस की शुरूआत पोला त्यौहार को माना गया है खेती बीज बोने के बाद किसान खुश होकर नाचने के लिए बांस का गेडी बनाते हैा आधूनिककिरण के दौड में भले ही गेडी डांस शहर से दूर हो चुकी है लेकिन ग्रामीण अंचलो में आज भी युवा और बच्चे गेडी डांस का लुत्फ उठाने नही चुकते है छत्तीसगढ् के प्रमुख त्यौहारों में पोला त्यौहार को स्थान मिल चुक हैा अब विशेष मौके की तलाश कर ग्रामीण झूम उठते हैा और धरती के उपर झूमना और मस्ती करना भला किसे अच्छा नही लगता
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